नमस्ते दोस्तों। आज हम इलेक्ट्रिकल सर्किट की दुनिया के दो सबसे महत्वपूर्ण नियमों किरचॉफ के नियमों (Kirchhoff's Laws), के बारे में बात करेंगे इसके साथ ही हम कुछ ऐसे शक्तिशाली नेटवर्क थ्योरम (Network Theorems) भी सीखेंगे जो किसी भी जटिल सर्किट को हल करना बहुत आसान बना देते है। यह पोस्ट आप को गहराई से समझने में मदद करेगा ।
किरचॉफ के नियमों (Kirchhoff's Laws):
Circuit Law in hindi |
किरचॉफ के नियमों (Kirchhoff's Laws):
किरचॉफ के नियम DC और AC दोनों प्रकार के सर्किट पर लागू होते है ये किरचॉफ के दो नियम है।
- किरचॉफ का करंट नियम (KCL - Kirchhoff's Current Law)
- किरचॉफ का वोल्टेज नियम (KVL - Kirchhoff's Voltage Law)
किरचॉफ का करंट नियम:
इस नियम को जंक्शन नियम या करंट लॉ भी कहते है। इसका सिद्धांत बहुत सरल है।
नियम के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में किसी भी जंक्शन (Node) पर धाराओं का बीजगणितीय योग (Algebraic sum) शून्य होता है
मतलब जंक्शन पर जितना करेंट आता है, उतना ही बाहर जाता है।
किसी भी नोड पर करंट न तो बनता है और न ही खत्म होता है। यह एक नदी के संगम की तरह है जहां आने वाली सभी धाराएं निकलने वाली धाराओं के बराबर होती है।
जंक्शन (Node) क्या होता है।
एक जंक्शन या नोड परिपथ में एक ऐसा बिन्दु होता है जहां कम से कम तीन या अधिक चालक (तार) आपस में मिलते है।
ΣI = 0 (किसी जंक्शन पर सभी धाराओं का योग शून्य होता है।
जंक्शन = जंक्शन
उदाहरण:
मान लीजिए एक जंक्शन 3 तार है, 2 तारों में करंट अंदर आ रहा है। (I1 = 5A, I2 = 3A) और एक तार से करंट बाहर जा रहा है (I3)
KCL के अनुसार
I1+I2+I3
5A + 3A =I3
I3 = 8 Ampere
किरचॉफ का वोल्टेज नियम (KVL - Kirchhoff's वोल्टेज Law):
इसे किरचॉफ का लूप नियम या मेश नियम भी कहते है। नियम के अनुसार किसी भी बंद लूप या मेश में सभी वोल्टेज राइज का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
मतलब कि अगर आप किसी सर्किट के एक बंद लूप में घूमते है तो आपको मिलने वाली कुल ऊर्जा और खर्च होने वाली कुल ऊर्जा का हिसाब बराबर होना चाहिए।
ΣV = 0
उदाहरण:
मान लीजिए एक सीरीज सर्किट है जिसमें एक 12V की बैटरी की दो रेसिस्टेंस (R1 = 2Ω, R2 = 4Ω) है।
KVL के अनुसार
बैटरी का वोल्टेज = R1 पर वोल्टेज ड्रॉप + R2 पर वोल्टेज ड्रॉप
12V = 2Ω + 4Ω
12V = 6Ω
I = 12V / 6Ω
= 2 Ampere
यहां हमने देखा कि लूप में कुल वोल्टेज ड्रॉप IR1 + IR2 = 4V + 8V = 12V के बराबर है।
अब समझते है कुछ ऐसे थ्योरम्स पर जो किरचॉफ के नियमों का उपयोग करते हुए सर्किट को और भी आसान तरीके से हल करने में हमारी मदद करते है।
थेवेनिन का सिद्धांत (Thevenins Theorem):
यह एक बहुत ही शक्तिशाली थ्योरम है। यह कहता है कि किसी भी जटिल लीनियर नेटवर्क को एक सरल इक्विवेलेंट सर्किट से बदला जा सकता है, जिसमें सिर्फ एक वोल्टेज सोर्स (V_th) और एक सीरीज रेसिस्टेंस (R_Th) होगा।
- V_ Theorem (थेवेनिन वोल्टेज): लोड टर्मिनल्स को खोलने पर उन दोनों टर्मिनल्स के बीच का वोल्टेज।
- R_ Theorem (थेवेनिन रेसिस्टेंस): सभी इंडिपेंडेंट वोल्टेज सोर्सेस को शॉर्ट सर्किट और करंट सोर्सेस को ओपन सर्किट करने के बाद लोड टर्मिनल्स से देखा गया इकिइवेलेंट रेसिस्टेंस।
इस से फायदा ये होता है कि किसी भी जटिल सर्किट के किसी एक विशिष्ट कंपोनेंट (लोड) पर करंट, वोल्टेज या पावर निकालना बहुत आसान हो जाता है।
नॉरटन का सिद्धांत (Nortons Theorem):
यह थेवेनिन के थ्योरम की तरह ही है लेकिन यह करंट सोर्स के रूप में होता है।
किसी भी जटिल लीनियर नेटवर्क को एक इकिइवेलेंट सर्किट से बदला जा सकता है, जिसमें एक करंट सोर्स (I_N) और एक पैरेलल रेसिस्टेंस (R_N) होता है।
- I_N (नॉरटन करंट): लोड टर्मिनल्स को शॉर्ट सर्किट करके उसमें से बहने वाला करंट।
- R_N (नॉरटन रेसिस्टेंस): यह थेवेनिन रेसिस्टेंस (R_Th) के बराबर होता है।
सुपरपोजिशन सिद्धांत (Superposition Theorem):
यह थ्योरम कहता हैं कि किसी भी लीनियर सर्किट में किसी भी कंपोनेंट में कुल करंट या वोल्टेज हर इंडिपेंडेंट सोर्स के कारण मिलने वाले करंट या वोल्टेज का योग होता है।
मतलब कि आप एक समय में सिर्फ एक सोर्स को चालू रखकर सर्किट को हल करते है और फिर सभी सोर्सेस के प्रभाव को जोड़ देते है।
Note:
किरचॉफ के नियम किसी भी इलेक्ट्रिकल सर्किट को समझने की नींव है, जबकि थेवेनिन, नॉरटन और सुपरपोजिशन जैसे थ्योरम्स हमें जटिल सर्किट को सरल बनाने और उन्हें आसानी से हल करने में मदद करते है। इन सिद्धांतों को समझकर आप इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में अपनी समझ को बहुत बढ़ा सकते है।