बेसिक इलेक्ट्रिकल कॉन्सेप्ट्स:
विद्युत इंजीनियरिंग की मजबूत नींव इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की दुनिया में कदम रखने वाले हर छात्र और शौकीन के लिए कुछ बेसिक कॉन्सेप्ट्स सीखना बेहद जरूरी है। ये कॉन्सेप्ट्स किसी भी इमारत की नींव की तरह हैं जितनी मजबूत नींव उतनी ही मजबूत इमारत। इन्हें अच्छी तरह से समझ लेने के बाद AC/DC सर्किट, मोटर्स, जनरेटर, और ट्रांसफार्मर जैसे जटिल विषयों को समझना आसान हो जाता है। आज हम 7 महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट्स Resistance, Inductance, Capacitance, Voltage, Current, Power, और Energy को सरल भाषा में समझेंगे।
| बेसिक इलेक्ट्रिकल कॉन्सेप्ट्स |
Resistance (प्रतिरोध):
क्या है? करेंट के रास्ते का स्पीड ब्रेकर? क्या आपने कभी सोचा है कि एक वोल्टेज से अलग-अलग बल्बों की रोशनी अलग-अलग क्यों होती है? इसका जवाब है प्रतिरोध (Resistance)।
अगर और आसान भाषा में प्रतिरोध किसी भी पदार्थ का वह गुण है जो उसमें से बहने वाली विद्युत धारा (Electric Current) के प्रवाह का विरोध करता है। इससे आप सड़क पर लगी स्पीड ब्रेकर की तरह समझ सकते है। जितनी ज्यादा रुकावट उतना कम प्रवाह।
मात्रक (Unit): ओम (Ohm)।
उदाहरण: ताॅंबे (Copper) का प्रतिरोध बहुत कम होता है, इसलिए इसे बिजली के तारों में इस्तेमाल किया जाता हैं। जबकि टंगस्टन (Tungsten) का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है, इसलिए इसे बल्ब के फिलामेंट में इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि वह गर्म होकर रोशनी दे सके।
प्रभावित करने वाले कारक:
- पदार्थ: हर पदार्थ का अपना एक विशिष्ट प्रतिरोध होता हैं।
- लंबाई: तार जितना लंबा होगा प्रतिरोध उतना ही ज्यादा होगा।
- मोटाई: तार जितना मोटा होगा प्रतिरोध उतना ही कम होगा।
Inductance (प्रेरकत्व):
करेंट में बदलाव का विरोध जब भी आप किसी पंखे या मोटर को चला या बंद करते हैं तो अपने महसूस किया होगा वह तुंरत अपनी पूरी गति तक नहीं पहुँचता या रुकता नहीं। यह प्रेरकत्व (Inductance) के कारण होता है।
और आसान से समझते है यह किसी भी अवयव का वह गुण है जो उसमें बहने वाली विद्युत धारा में होने वाले किसी भी बदलाव का विरोध करता है। यह एक जड़ता (inertia) की तरह काम करता है, जो करेंट को अचानक बढ़ने या घटने से रोकता है।
मात्रक (Unit): हेनरी (Henry - H)।
कैसे काम करता है?
जब किसी कॉइल (Coil) से करेंट बहता है तो एक चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) बनता है। जब करेंट में बदलाव होता है तो यह चुंबकीय क्षेत्र भी बदलता है जिससे एक वोल्टेज उत्पन्न होता है जो उस बदलाव का विरोध करता है।
Capacitance (धारिता): चार्ज को संग्रह करने की क्षमता क्या आप जानते हैं कि आपके कैमरे की फ्लैश लाइट में इस्तेमाल होने वाली बैटरी जो इतनी छोटी होती है इतनी तेज रोशनी कैसे पैदा करती है? इसका राज संधारित्र (Capacitance) में छुपा है।
इसको भी और सरल भाषा में समझ लो यह किसी भी अवयव की वह क्षमता है जिससे वह विद्युत आवेश (Electric Charge) को स्टोर कर सके। यह एक छोटी बैटरी की तरह काम करता है जो ऊर्जा को जमा करता है और जरूरत पड़ने पर उसे तुरंत छोड़ देता है।
मात्रक (Unit): फैरड (Farad - F).
यह कैसे काम करता है:
एक कैपेसिटर में दो प्लेटें होती हैं। जिनके बीच एक इन्सुलेटर (जैसे हवा या प्लास्टिक) होता है। जब इन प्लेटों पर वोल्टेज लगाया जाता है तो वे चार्ज को जमा कर लेती हैं।
Current (धारा):
इलेक्ट्रान के प्रवाह के दर को धारा कहते है। इसमें आप एक नदी में बहते हुए पानी के बहाव से समझ सकते हैं।
और आसान देखो किसी भी चालक में एक निश्चित दिशा में बहने वाले विद्युत आवेश (इलेक्ट्रॉनों) के प्रवाह को विद्युत धारा (Current) कहते हैं।
मात्रक (Unit): एम्पीयर (Ampere -A)।
सूत्र: I = Q / T (आवेश प्रति इकाई समय)
धारा (Current) की दिशा हमेशा उच्च पोटेंशियल (high potential) से निम्न पोटेंशियल (Low Potential) की ओर बहता है।
Voltage (वोल्टेज):
वह शक्ति जो इलेक्ट्रॉनो को धक्का देती है। या करेंट को बहाने की दबाव शक्ति को वोल्टेज कहते है।
अगर करेंट बहता हुआ पानी है तो वोल्टेज वह ढलान है जो पानी को बहता है।
सिंपल भाषा में वोल्टेज जिसे विद्युत विभिवंतर (Potential Difference) भी कहते है यह वह दाब या चालक बल है जो किसी सर्किट में इलेक्ट्रॉनो को प्रवाहित करने के लिए जिम्मेदार होता है।
मात्रक (Unit): वोल्ट (Volt - V)।
सूत्र: V = W / Q (प्रति कूलाॅम्ब किया गया कार्य)
Power (शक्ति):
ऊर्जा खपत की दर को शक्ति (Power) कहते है।
और आसान भाषा में बोले तो पावर हमें यह बताती हैं कि कोई उपकरण कितनी तेजी से ऊर्जा का उपयोग कर रहा है।
उदाहरण के लिए, 100 वाट का बल्ब 50 वाट के तुलना में ज्यादा तेजी से ऊर्जा की खपत करता है। और ज्यादा रोशनी देता है।
मात्रक (Unit): वाट (Watt - W)
महत्वपूर्ण सूत्र: P = V × I (वोल्टेज और करेंट का अनुपात)
Energy (ऊर्जा):
कुल कार्य क्षमता को ऊर्जा कहते है।
अगर आसान भाषा में समझे तो ऊर्जा कुल कार्य क्षमता या कुल ऊर्जा खपत है। यह पावर और समय का गुणनफल होती है।
मात्रक (Unit): वाट-घंटा (Watt-hour - WH) या किलोवाट घंटा (kWh)। यही वह इकाई है जिसके आधार पर आपका बिजली का बिल आता है।
सूत्र: E = P × t (पावर × समय)
ये Resistance, Inductance, Capacitance, Voltage, Current, Power, Energy, ये 7 इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की ABC हैं। ये सभी आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं और ओम का नियम (V = IR) जैसे सिद्धांतों से एक दूसरे से संबंधित होती है।
आप इन सब को समझ जाने के जाओगे तो भविष्य में आने वाले जटिल विषयों को समझना आसान हो जाएगा।
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