तुल्यकारी मोटर की संरचना ( Construction of Synchronous Motor) :-
तुल्यकारी मोटर व अल्टरनेटर की संरचना भी सामान होती हैं। एक अल्टरनेटर को सिंक्रोनस मोटर के रूप में यूज किया जा सकता है। जब दो अल्टरनेटर समान्तर क्रम में चल रहा हो और किसी कारण एक का प्राइम मूवर हटा लिया जाए 7M मोटर सप्लाई से अधिक पॉवर लेते हुए चलती रहेगी।
इस मोटर पर अधिक लोड होने पर भी यह स्थिर स्पीड से घूमती रहेगी। तो यह मोटर Synchronous Motor कहलाएगी।
तुल्यकारी मोटर का कार्य सिद्धांत (Working Principle of Synchronous Motor) :-
Synchronous Motor के स्टेटर Winding को Three Phase A.C Supply दिया जाता हैं जिससे Synchronous Speed से घूमने वाला चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।
Synchronous Motor में दो ध्रुव N व S होता है जो एक समान गति से घूमता है।
माना स्टेटर का क्षेत्र क्लॉकवाइज घूम रहा है। तथा रोटर को D.C Supply देने पर वह नियत लगातार घूमने का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करेगा।
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Working Principle of Synchronous Motor |
अब आप ऊपर इमेज से समझना माना पहले आधे पॉजिटिव चक्र में स्टेटर द्वारा उत्पन्न Ns ध्रुव बिन्दु 1 पर व Ss ध्रुव 2 बिन्दु पर है। इस प्रकार रोटर को एंटीक्लॉकवाइज दिशा में विकर्षण बल मिलेगा। लेकिन आधे निगेटिव चक्र में स्टेटर ध्रुव Ns घूमकर बिन्दु 2 पर और Ss ध्रुव बिन्दु 1पर पहुंच जाएगा। इस स्थिति में रोटर की पहले की स्थिति के विपरित क्लॉकवाइज दिशा में बल मिलेगा। इस प्रकार रोटर जैसे आगे की तरह अग्रसर हुआ था उतना ही पीछे आयेगा।
यदि रोटर को किसी अन्य प्रकार से स्टेटर की Flux Speed से घुमाया जाये व पुनः रोटर क्षेत्र को उत्तेजक Current दी जाये तो वह एक समान तथा Synchronous Speed से घूमता रहेगा।
Synchronous Motor की Starring विधि :-
Synchronous Motor Self Starting नहीं होती हैं। Synchronous Motor Start करने की निम्न विधि है।
Prime Mover Method :- इस Method में डीजल इंजन, पेट्रोल इंजन, या इंडक्शन मोटर द्वारा Synchronous Motor को घूमता जता हैं। इस Prime Mover से उत्तेजक को भी घुमाया जाता हैं। Three Phase A.C Supply से Connect Synchronous Motor को सप्लाई दिया जाता है और Prime Mover को Synchronous Motor से हटा लिया जाता है।
Self Starting Method :-
आधुनिक Synchronous Motor में Damper Winding होती है जो Synchronous Motor को Damper Winding की सहायता से Self Starting बनाया जाता है। Damper या Squirrel Winding को Rotor Pol Shoes के सिरो पर Winding किया जाता है। इस Winding के दो भाग होते है।
Synchronous Motor को Induction Motor की तरह Self Starting होने के लिए पहले बलघूर्ण प्रदान करती है। और Hunting Effect को कम करती है।
Synchronous Motor के यूज :-
- Industrial क्षेत्र जहां पर मशीनों को लगातार चलाया जाता है जैसे Cement udhyog, सूती मिल, कारखानों में Synchronous Motor का यूज किया जाता है।
- Power - Station व Sub - Station पर इसे Power Factor के Improvement के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
- Industrial में induction Motor अथवा Lagging Power Factor पर काम करने वाले यन्त्र लगे हो वहां पर Power Factor Improvement के लिए यूज किया जाता है।
- Long Transmission Line में Inductive Load के कारण बहुत अधिक Voltage Drop होता है। इसके लिए Synchronous Motor को Line के अन्त में उसके समान्तर में अधिक उत्तेजन पर चलाकर प्रयोग किया जाता हैं।
Synchronous Motor के लाभ :-
- Power Factor कम अधिक किया जा सकता है।
- No Load या Full Load पर भी Speed स्थिर रहती है।
Synchronous Motor की हानि :-
- ये मोटर स्थित स्पीड से चलती है इसलिए इसको परिवर्तीत स्पीड वाले जगह पर कार्य के लिए यूज नहीं किया जा सकता है।
- मोटर के रोटर को D.C Supply की आवश्कता होती है जिसको वाह्य स्रोत की जरूरत होती है।
- Synchronous Motor को लोड पर स्टार्ट नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इसका Starting Torque Zero होता है।
- इस मोटर की कीमत अन्य मोटर से अधिक होती है।
Synchronous Motor & Induction Motor की तुलना :-
- Synchronous Motor Load पर भी स्थिर स्पीड से चलती है चाहे कैसा भी लोड हो, पर Induction Motor पर Load अधिक हो जाने पर स्पीड कम हो जाती है।
- Synchronous Motor Self Starting नहीं होती जबकि Induction Motor Self Starting होती है।
- Synchronous Motor Induction Motor की अपेक्षा अधिक कीमती होती है।
- Synchronous Motor का Power Factor इसके सप्लाई पर निर्भर करता है, जबकि Induction Motor का Power Factor इसके लोड व प्रकृति पर निर्भर करता है।
- Synchronous Motor Supply के लिए D.C की जरूरत होती है वही Induction Motor में आवश्कता नहीं होती है।